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महतारी मंदिर कुरूद में पंचमी पर माता रानी का भव्य सोलह श्रृंगार, उमड़े श्रद्धालु

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज  कुरूद:-  जय माँ काली छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर में पंचमी के अवसर पर माता रानी का भव्य सोलह श्रृंगार किया गया। सुबह से ह...

 

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज 

कुरूद:- जय माँ काली छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर में पंचमी के अवसर पर माता रानी का भव्य सोलह श्रृंगार किया गया। सुबह से ही शुभ मुहूर्त में शक्ति स्वरूपा माँ को विविध श्रृंगार साज-सामग्रियों से सजाया गया। मंदिर में अर्चना के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और श्रद्धालुओं ने आस्था की ज्योत प्रज्वलित कर परिवार व समाज के सुख-समृद्धि की कामना की।

सोलह श्रृंगार का महत्व..नवरात्रि में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इससे घर-परिवार में सुख, शांति और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति में इसे जीवन का अभिन्न अंग माना गया है। ऋग्वेद में भी सौभाग्य के लिए सोलह श्रृंगार के महत्व का उल्लेख मिलता है।

बिंदी भगवान शंकर के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है।

सिंदूर सुहाग और सौभाग्य की निशानी है।

महावर और मेहंदी प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माने जाते हैं।

काजल बुरी नजर से रक्षा करने वाला माना जाता है।

पंचमी और स्कंदमाता पूजन...नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है। स्कंदमाता को मोक्षदायिनी और परम सुखदायी स्वरूप माना जाता है। भगवान स्कंद यानी कुमार कार्तिकेय, जिन्होंने देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति के रूप में विजय दिलाई, उनके माता स्वरूप होने के कारण माँ दुर्गा का यह रूप स्कंदमाता कहलाता है।इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की मंगलकामना की।

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