छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मुकेश कश्यप कुरूद:- कुरूद नगर में आरक्षण कटौती के विरोध में आयोजित धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में आदिवासी समा...
मुकेश कश्यप कुरूद:- कुरूद नगर में आरक्षण कटौती के विरोध में आयोजित धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। आदिवासी समाज के लोग सर्वप्रथम पुराना मंडी परिषर में एकत्र हुए फिर पुराना बाजार, सरोजिनी चौक, कारगिल चौक होते हुए रैली के रूप में नया बस स्टैंड पहुंचे, मंडी परिसर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए समाज के पदाधिकारी अकबर कोराम ,कमलेश ठाकुर ने कहा कि आज कोर्ट के फैसला के अनुसार आदिवासी समाज के आरक्षण को 32% से घटाकर 20% कर दिया गया । पूर्ववर्ती सरकार के समय से आरक्षण के लिए समाज अपनी संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ी और जनसंख्या के हिसाब से 32% आरक्षण प्राप्त किया। आज छत्तीसगढ़ सरकार ने कोर्ट में मजबूती एवं प्रमाणिक ढंग से अपना पक्ष रखने में नाकाम रही और 32% से 20% आरक्षण कर दिया गया ।आरक्षण कम होने से शिक्षा, शासकीय सेवा और प्रमोशन में आरक्षण के लाभ से समाज के युवा अधिकारी कर्मचारी और नई पीढ़ी वंचित हो जाएंगे ।आदिवासी समाज के लोग आक्रोशित होकर नेशनल हाईवे पर बैठकर चक्का जाम कर दिया जिससे लगभग 1 घंटे तक यातायात प्रभावित हुए वाहनों को भखारा रोड से डायवर्ट करना पड़ा पदाधिकारियों ने आरक्षण कटौती के विरोध में सरकार को जमकर कोसा और धरना प्रदर्शन में आक्रोश व्यक्त किया भारी भीड़ को संभालने और नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
समाज के लोग सरकार विरोधी नारे भी लगाए और पुनः 32% आरक्षण यथावत करने हेतु चक्का जाम धरना प्रदर्शन स्थल पर कुरूद के तहसीलदार के हाथों मुख्यमंत्री राज्यपाल और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन में ठाकुर राम नेताम, सुग्रीव नेताम, बसंत ध्रुव, काशीराम कवर, संतोष सोरी, होमन सिंह कतलम, भूपेंद्र नागर ची, सुजीत राम छेदैया, पोखराज नेताम, तेजराम छेदैया, टीकम कटारिया ,हरिश्चंद्र मंडावी ,किशन कंडरा, परमेश्वर कंडरा, योगेश कंडरा, जनक लाल, कुलेश्वर कंडरा, घनश्याम ध्रुव, बोधन ध्रुव, दीपक सोरी ,कुलंजन मंडावी, रमेशर ध्रुव, कमलेश ध्रुव, जन्मेजय ध्रुव ,शत्रुहन नगरची, झागेश्वर ध्रुव, भरोसा पटौडी, सावित्री ध्रुव ,कुंज बाई ध्रुव, तुमेश्वरी ध्रुव हितेश ध्रुव गंगाबाई ध्रुव झम्मन ध्रुव ममता छेदैया, विशाखा ध्रुव सहित लगभग ढाई हजार की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित हुए थे।




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