छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज मुकेश कश्यप कुरुद:- शुक्रवार को नगर सहित अंचल में बहुत ही धूमधाम के साथ देवउठनी एकादशी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाय...
छत्तीसगढ़ कौशल न्यूज
मुकेश कश्यप कुरुद:- शुक्रवार को नगर सहित अंचल में बहुत ही धूमधाम के साथ देवउठनी एकादशी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीपावली के ग्यारह दिन बाद मनाये जाने वाले इस पर्व को लेकर घरों में अच्छा खासा उत्साह देखा गया।घर-आँगन को मनमोहक रंगोली से सजाया गया वहीं जगमग-जगमग दिए की रोशनी से सराबोर होकर छोटी दीवाली के इस मनभावन त्योहार में चार-चांद लगाने लगा।
घरों में लोगो ने सपरिवार घरों के आंगन में भगवान सालिगराम व माता तुलसी के विवाह की तैयारी के लिए गन्ने के रूप में मंण्डप सजाया गया। तदुपरांत विधिवत पूजा अर्चना कर परम्परानुसार त्यौहार मनाया।इसके साथ ही लोगो ने फटाखे फोड़कर अपनी खुशी को दुगुना किया।मान्यता है कि दीपावाली के 11 दिन बाद देव प्रबोध उत्सव और तुलसी के विवाह को देवउठनी ग्यारस कहते हैं। एकादशी को यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। क्षीरसागर में शयन कर रहे श्री हरि विष्णु को जगाकर उनसे मांगलिक कार्यों की शुरूआत कराने की प्रार्थना की जाएगी। मंदिरों के व घरों में गन्नों के मंडप बनाकर श्रद्धालु भगवान लक्ष्मीनारायण का पूजन कर उन्हें बेर, चने की भाजी, आँवला सहित अन्य मौसमी फल व सब्जियों के साथ पकवान का भोग अर्पित किया जाता है । मंडप में शालिगराम की प्रतिमा व तुलसी का पौधा रखकर उनका विवाह कराया जाता है। इसके बाद मण्डप की परिक्रमा करते हुए भगवान से कुँवारों के विवाह कराने और विवाहितों के गौना कराने की प्रार्थना की जाती है । दीप मालिकाओं से घरों को रोशन किया जाएगा और बच्चे पटाखे चलाकर खुशियाँ मनाते है।
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