Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

ब्रेकिंग :

latest

ऑर्किड की खेती से प्रभावित हुईं एपीसी, कुहकुहा के पॉली हाउस पहुंचकर किसान अवलोकन

छत्तीसगढ़ कौशल न्युज धमतरी: - विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत धमतरी के कुरूद विकासखण्ड पहुंची कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने कुह...



छत्तीसगढ़ कौशल न्युज

धमतरी:- विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत धमतरी के कुरूद विकासखण्ड पहुंची कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने कुहकुहा में ऑर्किड की खेती का अवलोकन किया। जिले के प्रगतिशील युवा किसान श्री पुष्पक साहू ने लगभग एक एकड़ रकबे में पॉली हाउस में ऑर्किड के 50 हजार पौधे लगाए हैं। यह जिले में फूलों की खेती का अपने तरह का पहला प्रयोग है, जहां ऑर्किड की खेती जमीन पर नहीं, बल्कि हवा में की जा रही है। विकसित कृषि संकल्प शिविर में क्षेत्र में ऑर्किड की खेती होने की जानकारी मिलने के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त ने उसे देखने की इच्छा जताई और वे कुहकुहा में स्थित पॉली हाउस पहुंच गईं। जहां उन्होंने युवा किसान श्री पुष्पक साहू से ऑर्किड फूलों की खेती के बारे में पूरी जानकारी ली। 

 श्री पुष्पक साहू ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों की अच्छी वेतन वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने अपने पुश्तैनी खेत पर ऑर्किड की खेती करने का फैसला किया। श्री साहू ने बताया कि वे जमीन में नहीं, बल्कि हवा में कोयले पर ऑर्किड की खेती कर रहे हैं। उन्होंने लगभग सवा एकड़ में ऑर्किड के 50 हजार पौधे लगाए हैं। यह पौधे उन्होंने थाईलैण्ड से मंगवाए हैं। इन पौधों को उन्होंने पॉली हाउस में जमीन से लगभग तीन फीट ऊपर कोयले के बेड बनाकर लगाया है। पॉली हाउस में सिंचाई, खाद, दवा आदि के लिए स्प्रिंकलर जैसे आधुनिक सिस्टम लगाए हुए हैं। श्री साहू ने बताया कि इसके लिए उन्हें लगभग 56 लाख रूपये की सहायता भी सरकार की तरफ से मिली है। श्री साहू ने यह भी बताया कि ऑर्किड के पौधे से अगले 10 महीने में उन्हें फ्लॉवर स्टिक मिलने लगेंगे। एक सेंटीमीटर प्रति रूपये के रेट से उन्हें इन स्टिकस का दाम मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि एक बार ऑर्किड का पौधा लगाने के बाद उससे लगातार 12 साल तक फ्लॉवर स्टिक्स मिलेंगे। श्री साहू ने अपने इस पॉली हाउस ऑर्किड खेत से सालाना लगभग 50 लाख रूपये की आमदनी होने की भी जानकारी कृषि उत्पादन आयुक्त को दी। श्रीमती निगार ने पुष्पक साहू के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इन पौधों में चार महीने बाद जब फूल आना शुरू होंगे, तब वे फिर से इसके अवलोकन के लिए आएंगी। उन्होंने श्री साहू को इस तकनीक को दूसरे किसानों को भी बताने को कहा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने श्री साहू की सरकारी तौर पर हरसंभव मदद करने के निर्देश भी कलेक्टर और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को दिए।

No comments