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ग्रेसियस महाविद्यालय में तीन दिवसीय आभासी राष्ट्रीय कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न

  छत्तीसगढ़ कौशल न्युज  ‌अभनपुर:- ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अभनपुर, रायपुर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ...

 


छत्तीसगढ़ कौशल न्युज 

‌अभनपुर:- ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अभनपुर, रायपुर छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आभासी कार्यशाला विषय "रिसर्च मेथडोलॉजी" सफलतापूर्वक संपन्न हुई। तीसरे दिन के प्रथम सत्र की शुरुआत श्रीमती साधना शर्मा के सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात डॉ . मुक्ता कौशिक कार्यशाला ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री ने तीसरे दिन के प्रोग्राम का उद्देश्य और विषय को बताते हुए कहा कि ग्रेसियस कॉलेज अपने शोधार्थियों और विद्यार्थियों को रिसर्च करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देती है ताकि शोधार्थी अनुसंधान में परिपक्व हो सके। 

अध्यक्षता कर रही तीन दिवसीय आभासी राष्ट्रीय कार्यशाला की आयोजक डॉ.रिया तिवारी प्राचार्य ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन अभनपुर ने कहा कि शोध के अंतर्गत केवल नई शक्तियों एवं सिद्धांतों की खोज ही नहीं अपितु पुराने सत्यों को नए ढंग से प्रस्तुत करना, पुराने सिद्धांतों को नवीन रूप प्रदान करना, पुराने तथ्यों को नए तरीके से स्पष्टीकृत करते हुए उनके मध्य के अंतरसंबंधों का विश्लेषण करना सम्मिलित है। एक सफल शोध कर्ता वह होता है जो किसी नए सत्य को खोजने में सक्षम हो।

      तृतीय दिवस के प्रथम सत्र की रिसोर्स पर्सन प्रोफेसर डी कलई चिलवी सोलोमन, प्राचार्य ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, अभनपुर ने "सेंपलिंग मेथड और सर्वे डिजाइन" विषय पर उद्बोधन देते हुए कहां कि प्रतिदर्श अनुसंधान का एक मूलभूत घटक है जो विशेष रूप से जनसंख्या से लिया जाता है। अतः प्रतिदर्श में विषयों, इकाइयों, अवलोकनों की कुल संख्या अध्ययन के नमूना आकार का गठन करती है। प्रतिदर्श का चयन अध्ययन के उद्देश्य से व्यक्तियों, घटनाओं, व्यवहारों या अन्य तत्वों के समूह को चुनने की प्रक्रिया या तकनीक होती है। तत्पश्चात विद्यार्थियों के द्वारा प्रश्न पूछा गया और प्रोफेसर डी कलई जी ने शोधार्थियों के समस्याओं का समाधान किया।

         द्वितीय सत्र की रिसोर्स पर्सन डॉ. नीता साहू असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ़ एजूकेशन एस.एस. खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज ए कांस्टीट्यूट कॉलेज ऑफ़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलाहाबाद ने विषय हाइपोथिसिस एंड हाइपोथिसिस एरर विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि परिकल्पना एक अस्थायी अनुमान है जो किसी घटना या दो चर के बीच संबंध के बारे में की जाती है। परिकल्पना परीक्षण में दो प्रकार की त्रुटियां होती है टाइप वन त्रुटि जो एक सत्य शून्य परिकल्पना को अस्वीकार करना। और टाइप टू त्रुटि एक गलत शून्य परिकल्पना को अस्वीकार करने में विफल होना है।

तत्पश्चात विद्यार्थियों के द्वारा परिकल्पना और परिकल्पना के त्रुटि पर प्रश्न पूछा गया रिसोर्स पर्सन के द्वारा शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के समस्याओं का समाधान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. डिंपल रेड्डी के द्वारा किया गया ।इस प्रकार रिसर्च मेथाडोलॉजी के विभिन्न आयामों पर तीन दिवसीय सत्र पूरा हुआ। अंत में वैलिडिटरी प्रोग्राम रखा गया। डॉ. मुक्ता कौशिक, ऑर्गेनाइजेशन सेक्रेटरी ने अध्यक्षता कर रही डॉ. रिया तिवारी ,प्राचार्य ग्रेसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन का स्वागत किया । 

   तत्पश्चात मार्गदर्शन देते हुए डॉ.रिया ने कहा कि रिसर्च मेथाडोलॉजी पर रखा गया यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय आभासी कार्यशाला हमारे शोधार्थियों के लिए एक नया आयाम स्थापित करेगा। अंत में डॉ मुक्ता कौशिक ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री के द्वारा डॉ.आशुतोष शुक्ला, डायरेक्टर, को- डायरेक्टर भारती शुक्ला,डॉ. अनुराग जैन, श्री राजीव शर्मा, प्राचार्य डॉ. रिया तिवारी,ग्रैसियस कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अभनपुर को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं ऑर्गेनाइजिंग समिति डॉ. डिंपल रेड्डी,डॉ.माया सोनकर, श्रीमती साधना शर्मा, श्रीमती मीना साहू,कुमारी हेमलता साहू,तीरथ साहू, सहायक प्राध्यापक टेक्निकल असिस्टेंट नीरज शर्मा, आभासी पटेल पर उपस्थित प्रोफेसर, शिक्षक, शोधार्थियों ,विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। सफल एवं सुंदर संचालन नीरज शर्मा एवं श्रीमती मीना साहू के द्वारा किया गया। इस प्रकार कार्यशाला का तीन दिवसीय राष्ट्रीय आभासी कार्यशाला शिक्षक, शोधार्थियों ,विद्यार्थियों के लिए बहुत ज्ञानवर्धक एवं सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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